शनिवार, 14 सितंबर 2013

हिंदी विश्‍वविद्यालय में 15 सितंबर से तीन दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय कविता महोत्‍सव

             देश विदेश के कवि होंगे शामिल

महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय तथा ‘कृत्‍या’ के संयुक्‍त तत्‍वावधान में दि. 15 से  17 सितंबर के दौरान अंतरराष्‍ट्रीय कविता महोत्‍सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्‍सव में देश-विदेश के 50 अधिक विभिन्‍न भाषा-भाषी कवि एवं कलाकार आने की संभावना है। महोत्‍सव में ग्रीस, तुर्की, चिले, आयर्लैंड, फिनलँड, इस्‍टोनिया, फ्रांस, दक्षिण अफीका, इटली, नार्वे, पॅलेस्टिन आदि देशों से गुजराती, हिंदी, मराठी, मलयालम, पंजाबी, मैथिली, अंग्रेजी, उडिया, कन्‍नड आदि भाषाओं के कवि शिरकत करेंगे।
महोत्‍सव का उदघाटन 15 सितंबर को 10 बजे कुलपति विभूति नारायण राय द्वारा या जाएगा।  उदघाटन के बाद प्रथम सत्र में गुजराती कवि सितांशु यशचंद्रा, ग्रीस कवि अनास्‍तासिस विस्‍तोनितिस, मलयालम कवि के. सच्चिदानंदन, हिंदी के कवि ऋतुराज तथा मुइसेर येनिया कविता प्रस्‍तुत करेंगे।
इस महोत्‍सव में कविता प्रस्‍तुति के अलावा शानदार सांस्‍कृतिक संध्‍या के आयोजन में गीत, संगीत, नाटक और नृत्‍य की प्रस्‍तुतियां होंगी जिसे देश-विदेश से आए कलाकार प्रस्‍तुतियां देंगे। 15 सितंबर को सायं 5.30 से 6.00 बजे के दौरान फिनलैंड के निल्‍लस होम्‍बर्ग द्वारा म्‍युजिकल इविनिंग का प्रस्‍तुतिकरण होगा। वहीं सायं 7.00 बजे से ओडवेग क्‍लेवी द्वारा अंतरराष्‍ट्रीय पोएट्री फिल्‍म का प्रस्‍तुतिकरण किया जाएगा जिसमें द रोड नॉट टेकन, आई कम फ्रॉम, 25572 बटल, लेक धिस, आई ऑल माइसेल्‍फ यू तथा वन आर्ट यूएसए जैसी फिल्‍में दिखायी जाएगी।
विश्‍वविद्यालय में अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के काव्‍य महोत्‍सव का यह आयोजन पहली बार हो रहा है। इसके बारे में कुलपति विभूति नारायण राय का कहना है कि इस विश्‍वविद्यालय के  मूल में गांधी, हिंदी और अंतरराष्‍ट्रीय ये तीन शब्‍द जुड़े हुए है। हमारा दायित्‍व है कि हिंदी को विश्‍व स्‍तर पर स्‍थापित करें। वैसे तो विश्‍वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों में राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय आयोजनों के माध्‍यम से विश्‍व भर के हिंदी समुदाय को जोड़ने का प्रयास किया है। सन 2009 में हिंदी समय और 2012 में हिंदी का दूसरा समय जैसे आयोजनों से देश-विदेशों में इस विश्‍वविद्यालय की मूल अवधारणा को विश्‍व‍ स्‍तर पर पहुंचाने के लिए हम कामयाब हुए है। विश्‍वविद्यालय अपने अंतरानुशासन के पाठयक्रमों के माध्‍यम से जनसंचार, नाटय, फिल्‍म, भाषा, साहित्‍य, अहिंसा, स्‍त्री विमर्श, दलित विमर्श, अनुवाद आदि के द्वारा हिंदी को विस्‍तारित कर रहा है। विदेशी छात्रों के लिए हिंदी भाषा की पढ़ाई भी इस विश्‍वविद्यालय की एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हो रही है। हम विश्‍व के करीब 150 विश्‍वविद्यालय में चल रहे हिंदी के पठन-पाठन में समन्‍वयक की भूमिका निभा रहे है, जिससे संपूर्ण विश्‍व में पढाई जाने वाली हिंदी और उससे संबंधित पाठ्यक्रमों में एकरूपता लायी जा सके। इसी को लेकर विश्‍वविद्यालय साल में दो बार विदेशी शिक्षकों के लिए अभिविन्‍यास (ओरिएंटेशन) पाठ्यक्रम संचालित करता है। अभी तक 25 से अधिक देशों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को हमने वर्धा में आमंत्रित कर हिंदी के पाठ्यक्रमों में एकरूपता लाने के बारे में जानकारी दी तथा उन्‍हे आडिओ-वीडिओ सामग्री उपलब्‍ध करायी है। विश्‍वविद्यालय में अलग-अलग देशों के छात्र हिंदी सीखने आते है और हाल के वर्षों में उनकी संख्‍या में काफी इजाफ़ा हुआ है। उन्‍होंने माना कि इस आयोजन से हम हिंदी को और अधिक विस्‍तारित कर सकेंगे। कृत्‍या की संस्‍थापक तथा इंटरनेशनल पोएट्री फेस्टिवल की डायरेक्‍टर रति सक्‍सेना ने बताया कि देश विदेश के कवियों और कलाकारों के सान्निध्‍य में आयोजित होने वाला कृत्‍या का यह आठवां आयोजन है। इस महोत्‍सव से हिंदी के बहुआयामी स्‍वरूप से हम रू-ब-रू हो सकेंगे। महोत्‍सव के स्‍थानीय सचिव असिस्‍टेंट प्रोफेसर राकेश मिश्र ने कहा है कि विश्‍वविद्यालय की अंतरराष्‍ट्रीय पहचान को और विस्‍तारित करने के लिए यह आयोजन सफल साबित होगा। हिंदी समय और हिंदी का दूसरा समय की सफलता की तरह इस आयोजन से भी हम विश्‍व के हिंदी प्रेमियों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कर पाएंगे।
  तीन दिवसीय आयोजन में विहान समूह द्वारा कनुप्रिया की तथा व्‍योमेश शुक्‍ल द्वारा कामायानी की नाट्य प्रस्‍तुति होगी। इसके अलावा सुप्रसिद्ध कलाकार के. रविंद्र, स्‍मीता भौमिक, अमिल कल्‍ला, ज्‍योतिष पायेंग की आर्ट पोएट्री की प्रस्‍तुति होगी। सागन नोरूझदेह चेगिरी और ओडविग क्‍लेव फोटो पोएट्री प्रस्‍तुत करेंगे। फेस्टिवल डायरेक्‍टर रति सक्‍सेना तथा आयोजन सचिव तथा अहिंसा एवं शांति अध्‍ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर राकेश मिश्रा ने आयोजन को सफल बनाने के लिए कुलपति के नेतृत्‍व में विभिन्‍न समितियों का गठन किया है जिसमें प्रो. सुरेश शर्मा, डॉ. नृपेन्‍द्र प्रसाद मोदी, डॉ. सतीश पावडे, रति सक्‍सेना, सिंह नरेन्‍द्र सिंह, राजेश्‍वर सिंह, विधु खरे दास, रियाज हसन, ज्‍यातिष पायेंग, शंभूदत्‍त सती, सुधीर ठाकुर, अशोक मिश्रा, बी. एस. मिरगे, राजेश कुमार यादव, अमित विश्‍वास तथा आलोक कुमार राजीव कुमार पाठक, संजय तिवारी, गिरीश पांडेय, अंजनी कुमार राय, डॉ. हिमांशु नारायण, विभिन्‍न समितियों का गठन किया है।


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