सोमवार, 11 मार्च 2013


जर्मनी से हिंदी सीखने आए 24 छात्रों ने किया पाठ्यक्रम पूरा
हिंदी विवि में विदाई समारोह
 महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में जर्मनी और आस्ट्रिया से 24 छात्रों का एक दल हिंदी सीखने आया था। इन छात्रों ने गहन हिंदी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था। पाठ्क्रम की समाप्ति पर उन्‍हें भाषा विद्यापीठ के सभागार में प्रमाणपत्र देकर विदाई दी गयी। जर्मनी के हम्‍बुर्ग विश्‍वविद्यालय के डॉ. रामप्रसाद भट्ट के नेतृत्‍व में 24 छात्र विश्‍वविद्यालय में हिंदी सीखने आये थे।
उनके लिए 11 फरवरी से कक्षाएं चलाई गयी जिसमें उन्‍हें हिंदी भाषा के साथ-साथ भारतीय संस्‍कृति, इतिहास और भारतीय हिंदी फिल्‍में आदि से रूबरू कराया गया। इन छात्रों ने कोटंबा गांव का भ्रमण कर ग्रामीण परिवेश की जानकारी ली। कुलसचिव डॉ. कैलाश खामरे की अध्‍यक्षता में सम्‍पन्‍न विदाई समारोह में मुख्‍य अतिथि के रूप में अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. देवराज उपस्थित थे। प्रारंभ में भाषा विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल ने स्‍वागत वक्‍तव्‍य दिया। इस समारोह में सभी छात्रों को कुलसचिव डॉ. कैलाश खामरे व प्रो. देवराज के द्वारा प्रमाणपत्र तथा स्‍मृतिचिन्‍ह प्रदान किये गये। इस दौरान रामप्रसाद भट्ट ने बताया कि वर्धा में हिंदी विश्‍वविद्यालय में आने के लिए 45 छात्रों के आवेदन प्राप्‍त हुए थे। जर्मनी में हिंदी के प्रति खास लगाव है जिससे वहां के छात्र भारत में हिंदी सीखने के लिए हिंदी विश्‍वविद्यालय का रूख करते हैं। उन्‍होंने विश्‍वास जताया कि आगामी सत्र में अधिक से अधिक छात्र विश्‍वविद्यालय में आएंगे। उन्‍होंने कुलपति विभूति नारायण राय और प्रतिकुलपति एवं विदेशी शिक्षण प्रकोष्‍ट के प्रभारी प्रो. ए. अरविंदाक्षन का भी आभार जताया। ज्ञात हो कि विश्‍वविद्यालय में विभिन्‍न देशों के छात्रों का आना लगातार जारी है। वर्तमान में चीन, थाईलैंड तथा जर्मनी के छात्र यहां अध्‍यनरत हैं। विदाई समारोह का संचालन भाषा विद्यापीठ में स्‍पेनिश भाषा के सहायक प्रोफेसर रवि कुमार ने किया तथा धन्‍यवाद ज्ञापन प्रौद्योगिकी अध्‍ययन केंद्र के निदेशक प्रो. विजय कुमार कौल ने प्रस्‍तुत किया। समारोह में अश्‍वनी कुमार श्रीवास्‍तव, डॉ. प्रीति सागर, डॉ. हरीश हुनगुंद, डॉ. अनिल कुमार दुबे, बी. एस. मिरगे आदि सहित छात्र-छात्रांए उपस्थित थे। 

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