शुक्रवार, 29 जून 2012


कुलपति ने किया पौधारोपण

पर्यावरण के प्रति सजगता एवं अपनी कटिबद्धता का निर्वहन करते हुए महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कबीर हिल पर वृक्ष वर्धापन दिवस के अवसर पर सोमवार दि. 25 को कुलपति विभूति नारायण राय की प्रमुख उपस्थिति में पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया के नागपुर अंचल 1 के आंचलिक प्रबंधक, अजित कोरडे, विकास अधिकारी के. एस. एम. शास्‍त्री तथा निसर्ग सेवा समिति, वर्धा के मुरलीधर बेलखोडे आदि द्वारा कबीर हिल पर विभिन्‍न प्रकार के पौधे लगाए गये। इस अवसर पर कुलपति विभूति नारायण राय ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा हेतु पौधारोपण नितांत आवश्यक है।
        विदित हो कि विश्‍वविद्यालय के कबीर हिल पर पिछले वर्ष बैंक ऑफ इंडिया द्वारा विभिन्‍न प्रकार के वृक्ष लगाए गये थे। इन वृक्षों के वर्धापन दिवस के उपलक्ष्‍य में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परिसर को हरा-भरा बनाने के उद्देश्‍य से कबीर हिल पर दो हजार से भी अधिक वृक्ष लगाए गये हैं। कुलपति विभूति नारायण राय की महत्‍वाकांक्षी योजना के अंतर्गत विश्‍वविद्यालय परिसर की कुल भूमि में से करीब 90 एकड़ भूमि पर वृक्ष लगाए गये हैं। पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्‍य से विवि में समय-समय पर पौधारोपण अभियान भी चलाए जाते हैं।



हाशिमपुरा


डॉ. डी. एन. प्रसाद


बच गये जो पाँच नौजवान
आज जिंदा तस्वीर की हकीकत से
रूबरू कराते हैं हाशिमपुरा नरसंहार का

मोहम्मद उस्मान !
पुलिस अस्पताल इसलिए पहुँचायी
कि पीएसी  का नाम नहीं बताओगे

मुजीबुर्रहमान !
जिसे मरा हुआ समझकर
गंग नहर में फेंक दिया गया
उसने मुरादनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी

मोहम्मद नईम !
हत्यारों से हाथापाई करते
गोलियों से तो बचे
लेकिन चोट की वजह से बेहोश होकर गिर पड़े
ट्रक में साथियों के खून से भींगे नईम को
मरा हुआ समझकर हिंडन नहर में फेंक दिया गया

जुल्फकार नासिर !
पीएसी के ट्रक में गोली मारी गयी
और गंग नहर में फेंक दिया गया
लेकिन बच गये
और दिल्ली पहुँच कर
नरसंहार की हकीकत
देश के कद्दावर मंत्रियों के सामने
सत्ता के गलियारों में बिखरायी

बाबुदीन !
ट्रक में गोली मारकर
पीएसी जवानों ने हिंडन नहर में फेंक दिया
बच गया बाबुदीन और
लिंक रोड थाना में एफआइआर दर्ज करायी

इन सभी को
सरकारी कत्ल के 25 वर्ष बीतने पर भी
उम्मीद है/और कहते हैं-
‘हमें कुछ मिले न मिले
इंसाफ जरूर मिलना चाहिए !’